वैदिक गणित (सूत्र १ : एकाधिकेन पूर्वेण।)
सूत्र १ : एकाधिकेन पूर्वेण।
भिन्न (Fraction) को आवर्ती दशमलव संख्याओं (Recurring decimals) के रूप में लिखना एक कठिन कार्य है।
सामन्यतः जो भाग करने की प्रक्रिया ईस्तेमाल की जाती है उसमें इस कार्य को करना कई बार गलतियां पैदा कर देता है।
हम इन Recurring decimals के लिए दो नियम देखेंगे।
नियम १ : ऐसे भिन्न (fraction) जो 1/m9 के रूप में होते हैं। जहां m कोई भी संख्या हो सकती है।
उदा॰ - 1/29
इस भिन्न में आवर्ती (recurring) [29-1=]28 अंक प्राप्त होंगे।
यहां हर (Denominator) के अंतिम 9 के पूर्व संख्या 2 [पूर्वेण] को एक अधिक यानि 3 करते हैं [एकाधिकेन]।
अतएव अब हम भिन्न में 3 का प्रयोग करेंगे। यह प्रक्रिया दाहिने से बायें की ओर चलती है।
नियम के अनुसार हर की अंतिम संख्या (9) और प्राप्त आवर्ती दशमलव संख्या (Recurring decimal) के अंतिम संख्या का गुणन (product) 9 होना चाहिए।
इस नियम से अंतिम संख्या जहां से आवर्तन (reccurance) शुरू होगी वो 1 होगा।
अतएव 1/29 = 0. ___________1
अब हम खाली स्थान की संख्याओं को प्राप्त करेंगे।
1 में एकाधिक संख्या (इस भिन्न के लिए 3) को गुणन करके उसके पूर्व लिखें।
1/29 = 0.______31
फिर 3 में 3 को गुणन करके उसके पूर्व लिखें।
1/29 = 0._______931
अगली बारी में 9 में 3 का गुणन करके 27 प्राप्त होगा जिसका 7 प्रयुक्त करके हम 2 को अगली संख्या के लिए रख लेंगे।
1/29 = 0.______²7931
अब 7 में 3 गुणन करके 21 और पिछला 2 यानि 23 का 3 लिखकर 2 को अगली संख्या के लिए रख लेंगे।
1/29 = 0.______²3²7931
अब 3 को 3 से गुना करके 2 जोड़कर 11 का 1 लिखेंगे और 1 को अगली संख्या के लिए रख लेंगे।
1/29 = 0.______¹1²3²7931
इस प्रकार हम बाएं ओर तब तक आते हैं जब तक संख्या दुहराने नहीं लगती।
1/29 = 0.¹0¹3¹4²48²2¹7²5¹862²0²6²8¹9¹6¹55²17¹24¹1²3²7931
उपर लिखी जा रही संख्याओं को शेष (carry in english) कहते हैं।
नियम २ : ऐसे भिन्न जो n/m9 के रूप में रहते हैं। जहां n और m कोई भी संख्या हो सकती है।
उदा॰ - 1/19
इस बार हम गुणन के स्थान पर भाग का प्रयोग करेंगे। यह स्पस्ट दर्शाता है कि भाग और गुणन एक ही प्रक्रिया के दो रूप हैं।
हर के अंतिम संख्या(9) के पूर्व(1) का एक अधिक यानि 2।
इस बार हम बाएं से दाहिने की ओर जाएंगे। इस प्रक्रिया से हम जितने चाहे उतना अंक प्राप्त कर प्रक्रिया को बंद कर सकते हैं।
अब 1 को (अंश or numerator) के अंक को 2 से भाग देते हुए भजनफल (quotient) 0 और शेष (remainder) 1 प्राप्त करते हैं।
1/19 = 0.¹0.......
अब इस संख्या 10 को 2 से भाग देकर quotient 5 और remainder 0 प्राप्त करते हैं।
1/19 = 0.¹05.....
इस संख्या 5 को 2 से भाग देकर 2 और 1 प्राप्त करते हैं।
1/19 = 0.¹05¹2.....
अब 12 को 2 से भाग देकर 6 और 0 प्राप्त करते हैं।
1/19 = 0.¹05¹26.....
अब इसी प्रकार 6 को व आगे....
1/19 = 0.¹05¹263¹1¹5¹7¹89¹47¹3¹68421
संक्षिप्तिकरण:
Denominator (हर) से एक कम संख्या तक आवर्तन (recurrance) होता है। यदि हम उनके आधे संख्याओं का पता कर ले तो शेष आधी पता हो जाएंगी।
उदा॰ -
1/19 =
052631578 (9 संख्या)
947368421 (9 संख्या)
____________
999999999
नियम 2 के अन्य उदाहरण:
7/39 = ?
हर के अंतिम 9 के पूर्व 3 का एक अधिक 4।
7 को चार से भाग देकर 1 व 3।
7/39 = 0.³1³7¹9³4²87³1
अब 31 को 4 से भाग देकर 7 और 3।
37 को 4 से भाग देकर 9 और 1।
19 को भाग देकर 4 और 3।
34 से 8 और 2।
28 से 7 और 0।
7 से 1 और 3।
और 1 पर आवर्तन शुरू हो जाता है।
नियम 2 का अन्य उदाहरण केवल यह स्पष्ट करने के लिए की यह नियम हर आवर्ती संख्या पर मान्य है।
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