नवरात्र में माँ दुर्गा के आगमन व गमन वाहन
What is the significance of आगमन and गमन वाहन of माँ दुर्गा? And how is it known? शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे। गुरौ शुक्रे च दोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता।। अर्थात्- सोमवार या रविवार को घट स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। शनिवार या मंगलवार को देवी का वाहन घोड़ा होता है। गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्रि शुरू होने पर देवी डोली में बैठकर आती हैं। बुधवार से नवरात्रि शुरू होने पर मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आती हैं। देवी के आगमन के वाहन से शुभ-अशुभ का विचार किया जाता है। माता दुर्गा जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं, उसके अनुसार आगामी छह माह में होने वाली घटनाओं का आंकलन किया जाता है। इसके लिए भी देवी भागवत पुराण में एक श्लोक है- गजे च जलदा देवी क्षत्र भंग स्तुरंगमे। नौकायां सर्वसिद्धिस्या दोलायां मरणंधुवम्।। अर्थात्- देवी जब हाथी पर सवार होकर आती है तो वर्षा ज्यादा होती है। घोड़े पर आती हैं तो पड़ोसी देशों से युद्ध की आशंका बढ़ जाती है। देवी नौका पर आती हैं तो सभी के लिए सर्वसिद्धिदायक होता है और डोली पर आती हैं तो किसी महामारी से मृत्यु का भय बना रहता हैं। माता दु...